Thursday, 21 May 2020

CORONA HIGHLIGHT THOUGHTS

           मुझे नहीं पता दुनियॉ में लोग कोरोना को लेकर किस प्रकार व्यवहार कर रहे है लेकिन जब भी मै किसी कुछ समझाने की कोशिश करती हु लोग उस बात को गंभीर न लेकर उल्टा दूसरे को डरा हुआ बताने की कोशिश में लग जाते है |                                                                                                                                           साल 2020 मार्च में चीन से आए एक वायरस को भारत में पाया गया कोई नहीं जानता इसमें किसकी गलती है फिर भी सब एक दूसरे को गलत ठहराने का दावा कर रहे है |                                                                   अलग अलग देशों में फैलने वाला ये वायरस न जाने कितनो की जान ले चुका है सरकार द्वारा सुरक्षा और बचाव में कोई लापरवाही नहीं करी जा रही है फिर भी हमारे माननीय "प्रधानमन्त्री जी" द्वारा लगाए गए "जनता कर्फू "का पूर्ण पालन "22मार्च 2020"को सफलता पूर्वक सम्पन्न हुआ |                                          इसी के चलते दूसरे दिन 23 मार्च 2020 को जनता में इस बात का खौफ खत्म हो जाता है और लोग घरो से बाहर आजाते है |                                                                                                                       जब मैंने देखा की प्रधानमत्री जी की बात को लोग "गम्भीरता "से नहीं ले रहे है तो फिर मै तो एक आम इंसान हु भले ही मै अपने किसी खास व्यक्ति को समझालु पर वह इंसान तब तक नहीं समझता जब तक की वह स्वयं उस दुविधा में न फस जाये |                                                                                                                         इसीलिये इस सबको देखते हुए ही कहा गया है -
                                           
"समय बड़ा बलवान है '
इसी के चलते
मैंने देखा की कौन -कौन सी चीज़ो की क्या महत्वता है मैं वो इंसान हु जब तक की किसी काम के पीछे का पूरा कारन न जान लू तब तक वह काम नहीं करती इसी "वाइरस "के चलते आज मुझे क्या ,पूरी दुनिया को जीता जागता प्रमाण मिला है चाहे कितना नई और ट्रेंड विचार ले आओ इंसान वो उन विचारो की वजह से बहुत नुक्सान झेलना पड़ रहा है जैसे -हाथ मिलाना (इस छोटी सी गलती कीवजह से आज पूरी दुनिया में वो सब "भारत सरकार "करवा रही है जो की हमारी "हिन्दू संस्कर्ती "में बहुत पहले बताया जा चूका है इस वाइरस के चलते मज़बूरी है लोगो की वे कितना कुछ भी कह ले जाने अनजाने में वे हिन्दू "कर्मो" का प्रयोग लाया जा रहा है जैसा की मै भी पहले मंदिर नहीं जाती थी पूजा ,आरती ,और अर्चना और घंटियों को बजाना नहीं अच्छा लगता था क्युकी तब मेरा कारन अस्पस्ट था लेकिन इस वाइरस ने हमको और दुनिया को सिखाया है "namsty " करने का क्या महत्व है और घंटे घंटो और शंखनाद का  महत्व है क्युकी इनको जब बजाते है तो शंखनाद का क्या महत्व है क्युकी इनको जब बजाते है तो शंखनाद से वातावरण शुद्ध होता है  इससे जीवाणु विषाणु का स्वतः नाश होता है |
शंखनाद से फेफड़ो में स्वशन क्रिया अच्छी हो जाती है और घण्टीओ से रोग को बढ़ाने वाले जीवाणु -विषाणु का खात्मा हो जाता है |
ताली बजाने से खून का संचार अच्छा हो जाता है |इस सबको एक जगह रखकर देखा जाय तो धार्मिक विवाद न करते हुए ये पूजा -अर्चना -घंटी -शंख -हवन -यज्ञ ाआदि चीज़ो का अपनी जगह बहुत बड़ा महत्व है |
दूसरी चीज़ देखा जाय तो इससे पहले "अयोध्या "विवाद वाले समाचार के चलते भगवान "राम " और" बाबर "द्वारा बनाई गयी मस्जिद वाली नीति ने "भगवान राम " पर उठायी गयी उंगली | जिसने "श्री राम "के होने का या न होने का पूरी दुनिया में बहुत बड़ा सवाल उठाया गया | जिसमे भगवान् "श्री राम "ने अपने होने का परिचय पूरी मानव जाती को साल 2019 में ११नवम्बर में दे दिया इसके चलते ये सब देखते हुए हमारी पूरी मानवजाति को बहुत कुछ सीखने की आवश्यकता है क्यूकी मुझे लगता है कलियुग में वे स्वयं इस केस के चलते पूरी मानवजाति को अहसास दिलाया व खुद को प्रूफ किया इससे बड़ी बात मुझे नहीं लगता इस दुनिया में कोई दूसरी होगी |
                                लेखक -
                                                 
सृष्टि वर्मा                                                                 २३-०३-२०   

desert ki pic